Friends, इस पोसट मे हम आप्को प्रेरणादायक कहानियां शेयर कर रहे हैं |
जीवन में प्रेरक कहानियां का एक अलग ही महत्त्व है |
जीवन में अक्सर ऐसे क्षण आते हैं, जब हम स्वयं को निराशा के भंवर में फंसा पाते हैं. ऐसे में किसी के बोले गए प्रेरक शब्द या कहीं लिखे प्रेरक वाक्य या फिर प्रेरणादायक कहानियाँ हमें निराशा के उस भंवर से बाहर निकालकर नए जोश का संचार करती हैं.
इस पोस्ट में लिखे प्रेरणादायक कहानियां सुनकर आपको अलग ही सीख मिलेगा |
बुद्धिमान मंत्री |
सबसे बड़ी चीज |
शेर और चूहे की कहानी |
Best story in hindi
बुद्धिमान मंत्री
एक समय की बात है. एक पापी राजा राज्य में राज करता था. एक दिन उसके दरबार में एक आदमी आया और उसने राजा को एक उपहार पत्थर प्रदान किया.
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राजा को पत्थर देख बहुत खुश हुआ. उसने उस पत्थर से भगवान शिव की प्रतिमा का निर्माण करके उसे राज्य में मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया और उसके बनवाने का कार्य राज्य के बड़े मंत्री को सौंप दिया.
महामंत्री गांव में मूर्तिकार के पास गया और उससे उस राजा वाला पत्थर दे दीया बोला महाराज मंदिर की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं पाच दिवस के भीतर इस पत्थर से भगवान शिव की प्रतिमा तैयार करके माल में पहुंचा देना इसके लिए तुम्हें राजा मुद्रा देंगे.
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राजा की मुद्रा देने वाली बात मूर्तिकार सुनकर खुश हो गया. और मंत्री के जाने के बाद तुरंत मूर्तिकार ने मूर्ति बनाना शुरू कर दिया फिर मूर्तिकार ने अपना अवतार निकालकर पत्थर को तोड़ना चालू कर दिया लेकिन मूर्तिकार ने बहुत हथौड़े मारे लेकिन पत्थर फिर भी नहीं टूटा.
60 बार प्रयास करने के बाद मूर्तिकार मूर्तिकार ने अंतिम प्रयास करना चालू किया मूर्तिकार ने अंतिम प्रयास चालू करने से पहले सोचा कि जब यह 60 बार में पत्थर नहीं टूटा तो अब क्या टूटेगा.
वह पत्थर वापस लेकर वह मंत्री के दरबार में पहुंचा और मूर्तिकार में पत्थर वापस कर दिया और मंत्री से बोला इस पत्थर को तोड़ना नामुमकिन है इसलिए इस पत्थर से भगवान शिव की प्रतिमा नहीं बन सकती.
मंत्री को राजा का आदेश हरपुर में प्रयास करना था इसलिए उसने भगवान शिव की प्रतिमा के कार्य करने का एक गांव में और मूर्ति का कार्य एक गांव में साधारण मूर्तिकार को सौंप दिया पत्थर लेकर मूर्तिकार ने मंत्री के सामने हथौड़े से प्रहार किया और वह पत्थर टूट गया.
पत्थर टूटने के बाद मूर्तिकार ने भगवान शिव की प्रतिमा बनाने में जुट गया इधर मंत्री सोच रहा था कि पहले वाले मूर्तिकार को एक और अंतिम प्रयास करना चाहिए था तो पहले वाला मूर्तिकार सफल हो गया होता और वह बहुत सारी मुद्राएं जीत सकता था.
सीख
मित्रों हमें इस कहानी से आशिक मिलता है कि हमें कभी भी अपना आत्मविश्वास नहीं होना चाहिए और प्रयास अंतिम समय तक जारी रखना चाहिए तो आप लोग भी कभी भी किसी कार्य में आरंभ मारनी है तो अंतिम समय तक प्रयास करिए आपका ओकारे जरुर सफल होगा
Akbar birbal story in hindi-सबसे बड़ी चीज
दोस्तों आप लोग को मालूम है कि अकबर बीरबल की कहानी सुनने में बहुत ही मजा आता है और यह माना गया है कि अकबर के दरबार में नवरत्नों में से बीरबल 1 रत्नों में से माना जाते थे और दोस्तों बीरबल बहुत ही बुद्धिमान थे और अकबर बीरबल की कहानियां सुनने में बहुत ही मजा आता है तो चलिए हम लोग आपको एक अकबर बीरबल की कहानियां सुनाते हैं सबसे बड़ी चीज

एक समय की बात है बीरबल दरबार में मौजूद नहीं थे | इसी समय का फायदा उठाकर कुछ मंत्रियों ने बीरबल बीरबल के खिलाफ अकबर महाराज से बीरबल की बुराई बात करने लगे उसमें से एक मंत्री बोला महाराज आप सब जिम्मेदारी क्यों बीरबल को हि सौपते हैं |
और हर काम में क्यों बीरबल की सलाह दी जाती है इसका मतलब आप हमें योग्य नहीं समझते हैं मगर ऐसा नहीं है हम बे बीरबल जितना ही योग्य है |
अकबर महाराज को बीरबल बहुत प्रीत है वह उनके बारे में कुछ नहीं सुनना चाहते थे लेकिन उन्होंने मंत्रियों को निराश ना करने के लिए एक समाधान निकाला उन्होंने उनसे कहा मैं तुम सभी से एक प्रश्न का जवाब चाहता हूं मगर जवाब ध्यान से देना मगर ध्यान रहे अगर तुम लोग इसका जवाब ना दे पाए तो तुम लोग की फांसी की सजा सुना दी जाएगी |
दरबारियों ने बिना डरे मारा से बोला कि ठीक है हमें यह आपका प्रस्ताव मंजूर है लेकिन उससे पहले प्रश्न तो आप लोग से पूछिए आप
महाराज ने कहा दुनिया के सबसे बड़ी चीज क्या है यह सवाल सुनकर सभी मंत्री गण एक दूसरे का चेहरा ध्यान से देखने लगे ध्यान रखें इस प्रश्न का जवाब बिल्कुल सही होना चाहिए मुझे कोई अटपटे जवाब नहीं चाहिए।
इस पर मंत्रियों ने इस सवाल का जवाब देने के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगी राजा भी इस बात के लिए तैयार हो गए ।
माल से बाहर निकलकर सभी मंत्रियों ने इस जवाब का उत्तर ढूंढने लगा पहले ने कहा दुनिया की सबसे बड़ी चीज भगवान है तो दूसरे ने कहा दुनिया की सबसे बड़ी चीज भूख है । तीसरे ने दोनों को जवाब क्यों मना कर दिया और बोला कि भगवान और बोला कि भगवान की कोई चीज नहीं बढ़ी है और भूख भी नहीं पड़ी है इसको बर्दाश्त कर लिया जा सकता है इसलिए राजा का प्रश्न का जवाब दिन मंत्रियों में से कोई भी नहीं दे पाया।
धीरे-धीरे सारा समय बीतता गया और जवाब भी नहीं मिला और राजा से मांगी मोहलत भी पूरी हो गई उसके बाद मंत्रियों को अपने जान की फिक्र होने लगी और मंत्रियों ने सोचा और कोई उपाय न मिलने पर उन्होंने बीरबल के पास पहुंचा और अपनी सारी कहानियां सुनाई बीरबल को तो बीरबल ने कहा मैं तुम लोग की जान बचा सकता हूं लेकिन तुम लोग को वैसा ही करना होगा जैसा मैं कहूं सभी मंत्री बीरबल की बात सुनकर तैयार हो गए।
अगले ही दिन बिल बल्ले एक बालकनी तैयार करवाया और उनमें से दो मंत्रियों को पार्टी उठाने के लिए बोला तीसरे से अपना हुक्का पकड़ वाया और चौथे से अपना जूता पकड़ वाया बीरबल बालकनी में बैठ गया और मंत्रियों को इशारा करके बोले महल तक चलो जब सभी मंत्र बीरबल को लेकर महल में पहुंचे तो महाराज अकबर देखकर हैरान रह गए पहले की महाराज अकबर बीरबल से कुछ पूछते उससे पहले ही बीरबल ने सारा जवाब दे दिया महाराज महाराज दुनिया की सबसे बड़ी चीज गरज होती है अपने गरज के कारण यह सब फालतू उठाकर यहां पर लाए |
यह बात सुनकर महाराज अकबर मुस्कुराने लगे और सभी मंत्रियों ने मुंह लटका कर शर्म से खड़े हो गए
कहानी से सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलता है कि किसी का योगिता या पढ़ाई देखकर हमको जलन ना करना चाहिए ताकि उसका अच्छा कार्य देखकर हमको भी अपना कार्य में इस्तेमाल करना चाहिए और उसका कार्य देखकर हमें अपने कार्य को और बेहतर बनाना चाहिए |
Hindi story writing
शेर और चूहे की कहानी
एक बार की बात है जब एक शेर जंगल में सो रहा था उस समय एक चूहा उसके शरीर में उछल कूद करने लगा अपने मनोरंजन के लिए. इससे शेर की नींद ख़राब हो गयी और वो उठ गया साथ में गुस्सा भी हो गया.
वहीँ फिर वो जैसे ही चूहे को खाने को हुआ तब चूहे ने उससे विनती करी की उसे वो आजाद कर दें और वो उसे कसम देता है की कभी यदि उसकी जरुरत पड़े तब वो जरुर से शेर की मदद के लिए आएगा. चूहे की इस साहसिकता को देखकर शेर बहुत हँसा और उसे जाने दिया.
कुछ महीनों के बाद एक दिन, कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने आये और उन्होंने अपने जाल में शेर को फंसा लिया. वहीँ उसे उन्होंने एक पेड़ से बांध भी दिया. ऐसे में परेशान शेर खुदको छुड़ाने का बहुत प्रयत्न किया लेकिन कुछ कर न सका. ऐसे में वो जोर से दहाड़ने लगा.
उसकी दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देने लगी. वहीँ पास के रास्ते से चूहा गुजर रहा था और जब उसने शेर की दहाड़ सुनी तब उसे आभास हुआ की शेर तकलीफ में है. जैसे ही चूहा शेर के पास पहुंचा वो तुरंत अपनी पैनी दांतों से जाल को कुतरने लगा और जिससे शेर कुछ देर में आजाद भी हो गया और उसने चूहे को धन्यवाद दी. बाद में दोनों साथ मिलकर जंगल की और चले गए.
सीख
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की उदार मन से किया गया कार्य हमेशा फल देता है.
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मुझे आशा है की मेरे द्वारा लिखी ये “Short Stories in Hindi” लेख आपको पसदं आई होगी. इसके साथ ही इससे आपको और आपके बच्चों को इसमें से खूब सारी सिख भी मिली होगी. ऐसी सिख बच्चों को उनके जीवन में आगे बढ़ने में काफ़ी मदद प्रदान करती है. उन्हें सही गलत के बीच के अंतर से रूबरू कराती है.
यदि आपको थोडा सा भी लगा की यह लेख अच्छा लगा हो तब इसे सभी के साथ ज्यादा से ज्यादा share करिये और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार की कोई राय हो तो निचे कमेंट जरुर करें.