chhath puja in hindi,chhath pooja kyon manaaya jaata hai,chhath puja date

chhath puja क्या है और इस का हम व्रत क्यों करते chhath की puja उतर प्रदेश में और बिहार के लोग क्यों मानते है आज हम इस के बारे में आप को विस्तार से बातयेगे हमारे ब्लॉग hindikahaniy.com के माद्यम से
chhath puja कार्तिक के महीने में मानते है ये हिन्दू का मुख्य तेहवार ये ज्यादतर chhath puja उतर प्रदेश ,बिहार ,नेपाल ,और झारखण्ड, में बड़ी धूम धाम से मानते है ये भी माना जता है की ये बिहारियों के लिए सबसे बड़ा तेहवार है ये एक मात्र ऐसा तेवर है जो की बिहार या उतर पूर्व भारत में वेद काल से चला आ रहा है अब chhath puja पुरे बिहार की पेचान बन गया है जा कभी भी chhath का नाम अता है वहा बिहार का जिक्र होता है chhath puja में पुराने वेदो की झलक दिखती है
chhath puja ये बिहार में मनाने वाला त्योहार अब छठ पूजा करते हुवे इस्लाम को मानने वाले लोग भी chhath बनाते हुवे भी देखा गया है अब chhath puja धीरे- धिरे विदेशो में भी ये देखा गया है की वहॉ पर chhath मनाई जाती है ये व्रत बहुत ही मुश्किल होता है ये व्रत ३ से 4 दिन का होता है इस व्रत में आप कुछ भी नहीं खा सकते हो काफी टाइम तक पानी में खड़े रहना पड़ता है ये व्रत छोटे ,बड़े ,और बूढ़े सब छठ का व्रत करते है
chhath pooja kyon manaaya jaata hai-छठ पूजा क्यों मनाया जाता है
chhath puja इसलिए मनाई जाती है की कहा जाता है की देवता का असुरो के हातो पार्जित हो गए थे तब देव माता ने पुत्र की प्राप्ति के लिए सूर्य भगवान के मंदिर में जाकर छठ मैया की आराधना की थी तब छठ मैया प्रसन्न हो कर उन को वीर तेजस्व पुत्र का वरदान दिया था उन को पुत्र हुवा था त्रिदेव के नाम से जाने जाते है और उन्होने ही अशुरों पराजित कर के देवता को जित दिलाई थी उसी समय से ये प्रचनल शुरू हो गया था जब से सब छठ मैया चनल शुरू हो गया था
chhath puja date-छठ पूजा की तारीख
chhath puja date ये दिवाली के छे दिन बाद आता है जो की ये चार दिन तक चलता है और चारो दिन भक्तो की भीड़ रहती है और चारो दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है ताकि उन की जिंदगी में कोई भी परेशनी नहीं आए और उन का जीवन हमेशा ख़ुशी रहे
क्या आपको पता है की छठी का जो व्रत है साल में दो बार मानते है ज्यादा तर लोगो को सिर्फ ये पता है की जी हम कर्तिक में मानते है बस उस के बारे में ही पता है छठ साल में दो बार मानते है एक तो कर्तिक में और एक चेत में क्या आपको पता है की छठी का जो व्रत है साल में दो बार मानते है ज्यादा तर लोगो को सिर्फ ये पता है की जी
हम कर्तिक में मानते है बस उस के बारे में ही पता है छठ साल में दो बार मानते है एक तो कर्तिक में और एक चेत में नवरात्रि में हम माता षष्ठी की पूजा करते है तो हम उन से ये ही मांगते है की घर परिवार सब खुशाल रहे और इस के लिए हम गंगा या नदी जैसी जगा होना जरूति है और छठ पूजा में भी हम गंगा नदी जैसी जगा पर ही पूजा कर ते है बस ये ही है की छठ साल में दो बार पूजी जाती है
chhath parv|| kaise manaaya jaata hai-छठ पर्व कैसे मनाया जाता है?
chhath puja भैया दूज के दिन दिन बाद आता है ये व्रत चार दिन का होता है इस व्रत में बहुत ही साफ सफाई का ध्यान रखना होता है chhath puja पहले दिन सेन्धा नमक और घी से बना चावल कद्दू की सब्जी से बना पार्षद के रूप में उस का सेवन करना होता है उस के दूसरे दिन पानी या कोई भी चीज नहीं खहा सकते है सब कुछ त्याग
होता है शाम के 7 बजे से चावल की खीर बना कर प्रसाद खहना होता है और तीसरे दिन शाम को डूबते हुवे सूरज को दूद चढ़ना होता हो और आखरी दिन यानि की चौथे दिन उगते हुवे सूरज को पानी में खड़े होकर उन की पूजा करनी होती है ये चारो दिन घर में लसुन या पियाज को काम में नहीं लेते है
chhath puja 2021
2021 mein chhath puja kab hai नवम्बर को 10 तारीख को है
chhath geet-छठ गीत
छठ गीत के गीत बहुत लोकप्रिय है इन chhath geet को सुन सब को अच्छा लगता है अब वो बिहार का हो या न हो ये गीत सब को अच्छे लगते है ये गीत अलग टाइम में अलग गीत गए जाते है जैसे की जब प्रसाद बनते है और जब गाठ पर जाते है तब गाठ से लोटे समय ये गीत सुने में बहुत ही सुन्दर होते है
Mahabharata-महाभारत
महाभारत काल में कहा जाता है की छठ की शुरू वात हुई थी जब महाभारत का यूथ हुआ तब सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य भगवान की पूजा की थी कर्ण सूरज भगवान के सबसे बड़े भक्त थे वो रोज कमर तक पानी में खड़े रहते थे सूर्यदेव को अर्घ्य देते थे और सूर्य देव की उन पर किरपा थी और वो भोत सकती साली योद्धा बने