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holi 2022 date uttar pradesh ki sab se alag holi kyu hoti hai
holi 2022 date uttar pradesh इस बार होली 18 मार्च को है 17 मार्च को होलिका का दहन क्या जाएगा ये तेहवार दो दिन का होता है इस तेहवार को पुरे भारत में सब जगा इस होली को अपने अपने तरीके से मानते है उत्तर प्रदेश के (वृंदावन, मथुरा, बरसाना, नंदगाँव, गोवर्धन और गोकुल) वहा पर ये तेहवार सात दिन तक मान्या जाता है ऐसा भी माना जाता है की इस दिन भगवान श्री कृष्ण जी अपने सारे रूप में दिखाई दिए थे उनके प्रेम राधा की पौराणिक प्रेम कहानी से आती हैं। उत्तर प्रदेश का ब्रज उनका गृहनगर था इस लिए होली वहा कुछ ज्यादा ही धूम धाम से मानते है वहा पर राग के सात सात लाठ मार होली मानते है लाठ मार होली पुरे भारत में परषिद है लोकप्रिय स्थान बरसारा और नंदगाँव हैं
आप अगर सही में होली का मजा लेना चाहते हो तो एक बार मथुरा जरूर जाना लोगो वहा पर होली खेलने के लिए दूर दूर से आते है
Day 1 (March 11th in 2022): Laddoo Holi (Sweets Holi) in Barsara
होली के शुभ अवसर पर बरसारा मथुरा में एक विशेष प्रकार के लड्डू एक तरह की गोल भारतीय मिठाई है। और उस लड्डू को एक दूसरे पर फेकना ये वहा का एक रिवाज बोल लो ये वहां का कल्चर बोल लो
गतिविधि बरसारा में राधा रानी मंदिर में आयोजित की जाती है उस मंदिर को श्रीजी मंदिर भी बोला जाता है दोस्तों बनारस एक वो जगह है राधा जी ने अपना बचपन बिताया था दोस्तों राधा रानी मंदिर उन को सम्मानित करने के लिए ब्रह्मगिरी पहाड़ियों की चोटी पर बनाया गया था। और उस मंदिर के पुजारी या पंडित उन सभी भक्तो के ऊपर लड्डू को फेकते है पाषद के रूप में
होली पर मौज मस्ती खुशी और गीत संगीत गीत भी लड्डू होली का हिस्सा हैं।
राधा रानी मंदिर ये मंदिर एक पहाड़ पर है और उस की उचाई काम से काम ३००० है उस मंदिर की सीडी 100 है या उस से भी ज्यादा है
Day 2 (March 12th in 2022): Lathmar Holi (Stick Holi) in Barsana — Very Popular
लाठ का अर्थ है ‘छड़ी’ और मार का अर्थ है ‘पीटना’। up में ये होली बहुत ही ज्यादा लोग प्रिये है लट्ठमार होली यहां पर लोग रगो के साथ लट्ठमार मर के भी होली को मानते है ये हलोई up परषिद है
किंवदंती श्री कृष्ण जी बड़े हो कर नंदगाँव में रहने लगे थे और वह पर ही बरसाना में रहने वाली राधा से प्यार करते थे।
श्री कृष्ण अपने नील रंग में उन को शर्मिंदगी महसूस होती थी इस लिए वो अपनी माँ की इजाजद ली और बनारस चले गए वहां पर वो राधा और उसके दोस्तों की त्वचा को रंग दिया।हालाँकि राधा को कृष्ण के आकर्षक व्यक्तित्व के कारण प्यार हो गया,
श्री कृष्ण और रधा जी की प्रेम कहानी को याद रखने के लिए बरसारा में होली बहुत ही ज्यादा ख़ुशी के सथा मानते है
वहां पर नंदगांव जो भी होली खेलते है वो सब बनारस जा कर उन सभी महिला को रंग लगते है और अभी महिला भी बिना सन्कोच के रंग लगवाती है बनारस की महिला लाठियों से पुरष को मरती है ये भी एक होली का कल्चर है इस तरा की एक परम्परा है जो की सदी यो से चली आ रही है
Day 3 (March 13th in 2022): Lathmar Holi in Nandgaon
मथुरा से अगर हम बनारस की बात करे की कितनी दुरी पर है तो दोनों की दुरी 60 किमी है
दो दिन और तीसरे दिन होली खहलने का तरीका एक जेसा ही होता है सभी आदमी औरतो को रंग लगाते है और महिला उन सभी को लाठियों मरती है तीसरे दिन की होली 5.00 बजे से खलते है
Day 4 (March 14th in 2022): Phoolwali Holi (Flower Holi) in Vrindavan and Mathura
मथुरा से अगर हम बात करे की वृंदावन कितनी दुरी पर है तो दोनों की दुरी है 20 किमी
चौथे दिन फूलो से खेली जाती है जिसे फूल होली कहाजाता है मथुरा में होली का उत्सव है।
वृंदावन सबसे अलग ही होली खेली जाती है फूलो की होली बांके बिहारी मंदिर में खेली जाती है ये मंडी भगवान श्री कृष्ण जी का सब से प्रसिद्ध है इस लिए यहां पर बहुत ही ख़ुशी के साथ मानते है
Day 5 (March 15th in 2022): Chhadi Mar Holi (‘Wand Beating’ Holi) in Gokul
गोकुल मथुरा १५ किमी दूर श्री कृष्ण जी ने अपना पूरा दिन बचपन में बीत्या था इस लिए वह पर समारोहों में कृष्ण को एक बच्चे के रूप में माना जाता है।गोकुल में आप उनकी मूर्तियों को झूला (बेंच झूलों) में देखेंगे।
Day 6 (March 16th in 2022): Widows’ Holi in Vrindavan
भारत का एकमात्र उत्तर प्रदेश वृंदावन जहां परजहां विधवाएं होली मनाती हैं। वह के मंदिर में आप ये जा कर देख सकते है
जिन के पति की मोत हो जाती है उन की पत्नी को दुर्भाग्य से पीड़ित माना जाता है।वाराणसी में एक आश्रम भी है जो की वहा पर विधवाओं रहती है लग बैग 50000 से ज्यादा वहा पर विधवाओं रहती है
Day 7 (March 17th in 2022): Holika Dahan (Effigy Burning) in Mathura
एक वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में सुबह 9 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक है, जहां पुजारी भक्तों पर रंग और पवित्र जल फेंकते हैं। वहां नाच, गाना, रंगीन पाउडर की लड़ाई, पानी की मस्ती की उड़ानें, आदि के साथ होली की खुशी में विसर्जित करें।
Day 9 (March 19th in 2022): Huranga (Happy Ending) Holi in Baldeo
बलदेव मथुरा से लगभग 30 किमी (20 मील) दूर एक गाँव है। ऐसा कहा जाता है कि यह वह क्षेत्र है जहां कृष्ण के बड़े भाई ने शासन किया था। होली के मुख्य दिन के अगले दिन वहां के लोग दाऊजी मंदिर में होली की समाप्ति मनाते हैं।
उत्सव दोपहर 12:30 बजे से शाम 4 बजे तक लगभग साढ़े तीन घंटे तक चलता है। बलदेव में, पुरुषों का न केवल पीछा किया जाता है और लाठियों (लोहे में लिपटे बांस के डंडों) से पीटा जाता है, बल्कि छीन भी लिया जाता है।
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