Non resident indian day kya hota hai

Non Resident Indian day जिसे शार्ट फॉर्म में NRI यानी प्रवासी भारतीय दिवस के नाम से जाना जाता है। यह दिवस उन NRI और प्रवासियो के लिए मनाया जाता है, जो भारत देश से बाहर रह कर भी भारत देश की विकास में योगदान देते रहते है। तथा उनमे राष्ट्रीयता और भारत देश के लिए प्रेम बना रहे, इस लिए इस दिन को मनाया जाता है। जिसमे यह खास दिन सभी NRI और प्रवासी एक साथ एक जगह एकजुट होकर इस दिन को एक दूसरे से मिलते हैं, और भारत देस के प्रगति के बारे में चर्चा करते हैं। तथा भारत सरकार इस दिन प्रवासियों को सम्मान देती है।

NRI ( Non Resident Indian ) भारतीय प्रवासी कौन होते हैं?

अब सवाल यह उठता है कि आखिर कौन भारतीय प्रवासी है ? जो नागरिक रोजगार अथवा उच्च शिक्षा के लिए विदेश में रह रहे हैं, या कुछ नागरिक विदेश में बस जाते हैं, और वह उस देश का नागरिकता प्राप्त कर लेते हैं। उसे भारतीय प्रवासी माना जाएगा जो प्रवासी भारतीय में विदेश में रहकर भी अपनी सांस्कृतिक एवं विरासत बनाए रखने के लिए इस दिन एकत्रित होते हैं। क्यूंकि उन्हें भारतीय प्रवासी का एक पहचान मिली है पहचान के साथ-साथ प्रवासी भारतीय का देश की उन्नति में बड़ा योगदान है। ऐसे भारतीय को ही NRI ( Non Resident Indian ) भारतीय प्रवासी कहते हैं। 

Non Resident Indian Day को कब मनाया जाता है?

Non-Resident Indian Day को हिंदी में प्रवासी भारतीय दिवस भी कहते हैं। प्रवासी भारतीय दिवस को हर 9 जनवरी को मनाया जाता है। इसे 2003 से सिर्फ भारत देश में मनाया जा रहा है। यह दिन उनलोगो के लिए मनाया जाता है। जो भारत देश के प्रगति के लिए, ज्यादातर समय विदेशो में रहते है। इस दिन को एक और ख़ास मौके को याद करके मनाया जाता है। इसी दिन यानी 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी जी अफ्रीका से वापस अपना देश में वापस आये थे।

प्रवासी दिवस की स्थापना कब हुई थी?

प्रवासी भारतीय दिवस को सं 2000 में स्थापित किया गया था। इस दिवस को मानाने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर, फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बरस ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ( FICCI ), कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री, मिनिस्ट्री ऑफ़ डेवलपमेंट ऑफ़ नार्थ ईस्टर्न रीजन मिलकर खर्च उठाती है। हर 7 से 9 जनवरी तक भारत देश के हर सहर में इसे जश्न की तरह मनाया जाता है। जिसे इंडियन डायस्पोरा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कई सारे भारतीय प्रवासी को सम्मान दिया जाता है। 

भारतीय प्रवासी दिवस को मानाने की सोच, पहली बार सन 9 जनवरी 2006 में हैदराबाद शहर में मनाया गया था। सन 2014 को नई दिल्ली में भारतीय प्रवासी दिवस को मनाया गया था। जिसमे तक़रीबन 1,500 भारतीय प्रवासी 51 देशो से आकर इस दिन भाग लिया था, और इस दिन को सेलिब्रेट किया था। इसी दिन हमारे देश भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी ने भारतीय प्रवासियों को सम्मान दिया। 

प्रवासी दिवस को कहाँ – कहाँ पर मनाया जा चूका है?

सन 2013 को 11th ( ग्यारहमा ) भारतीय प्रवासी दिवस कोच्ची में मनाया गया जो 7 जनवरी से लेकर 9 जनवरी तक मनाया गया। जिसे इंडो कनाडा चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने इस उत्सव का खर्च उठाया और बड़े धूम धाम से इस दिन को सेलिब्रेट किया। मॉरिशस के राष्ट्रपति राजकेसवुर पुररयोग, इस इनॉगरल सेशन में चीफ गेस्ट थें। कैनेडियन मिनिस्टर जैसन केन्ने पहले नन-इंडियन व्यक्ति थे जो इस खास मौके पे भारतीय प्रवासियों के साथ मिलकर इस जश्न को सेलिब्रेट किया। 

12 th प्रवासी भारतीय दिवस फिर से 7 जनवरी से लेकर 9 जनवरी तक 2014 में दिल्ली के विज्ञान भवन नई दिल्ली में मनाया गया। जिसमे इसका मकसद था डायस्पोरा को बढ़ावा देना। और लोगो के बीच एक संबंध को बनाये रखना। उसके बाद 13th प्रवासी भारतीय दिवस फिर से 7 जनवरी से लेकर 9 जनवरी तक सन 2015 को महत्मा मंदिर, गाँधी नगर गुजरात में मनाया गया। इस दिन इसका थीम था – अपना भारत, अपना गौरव। 

उसके बाद 14th प्रवासी भारतीय दिवस फिर से 7 जनवरी से लेकर 9 जनवरी 2016 को नई दिल्ली में मनाया जाने वाला था। पर MEA’s ने इसे हर दो साल पर मनाने का फैसला लिया। और उसके बाद 15th प्रवासी भारतीय दिवस हमेशा की तरह 7 जनवरी से लेकर 9 जनवरी तक सन 2017 को बेंगलुरु में कर्नाटक में मनाया गया। और इस दिन का थीम था इंडियन डायस्पोरा के साथ फिर से एकजुट हो कर अपने देश के लिए और अपने देस के लोगो के लिए प्यार बरक़रार रखना। 16th प्रवासी भारतीय दिवस को फिर से एक बार 7 जनवरी से लेकर 9 जनवरी तक मरीना बे सेंड्स, सिंगापुर में मनाया गया। 

और उसके बाद 17th प्रवासी भारतीय दिवस 2019 को 21 जनवरी से लेकर 23 जनवरी तक वाराणसी में मनाया गया। और इस बार मॉरिशस के प्रधान मंत्री प्राविंद जुगनाउथ इस खास मौके पे चीफ गेस्ट थे। और फिर जैसा की आप जानते हैं की इस बार कोरोना वायरस के कारन प्रवासी भारतीय दिवस को सेलिब्रेट नहीं किया गया।

प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास। 

प्रवासी भारतीय दिवस को हाई लेवल समिति चेयरमैन L.M  सिंघवी के द्वारा बनाया गया था। और जब प्रधान मंत्री अटल विहारी वाजपेय जी को नई दिल्ली  विज्ञानं भवन में 8 जनवरी 2002 को यह बात मालूम हुई तो उनोहने 9 जनवरी 2002 को इसे 1915 में महात्मा गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से वापस आने के याद में मनाया जाने वाला दिन घोसित कर दिया। और इस दिन को भारतीय प्रवासी दिवस की स्थापना हो गयी। 

प्रवासी दिवस का खर्च कौन उठाता है। 

यह खास दिन उन NRI/PIO लोगो के लिए है। जो अपने काबिलियत से भारत देस को बहुत ज्यादा मदद की है। जो अपने – अपने प्रोफेशन में एक उच्य मुकाम हासिल किया है। और भारत देश को वृद्धि में योगदान दिया है। और इसी लिए इस ख़ास दिन सभी प्रवासी एक साथ में मिलकर देश के बारे में बात चित करते है। कैसे देश का विकास हो सके। इसलिए सन 2003 से हर साल इस ख़ास दिवस को मनाया जाता है। जिसका खर्च मिनिस्ट्री ऑफ़ ओवरसीज इंडियन अफेयर्स और थे सी. आई. आई. कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री उठती है। इससे पहले सुरुवात में इसका खर्च FICCI उठती थी।  

सबसे पहले किसके लिए प्रवासी भारतीय दिवस को मनाया गया था ?

प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का मुख्य कारण यह था कि जब महात्मा गांधी 1893 ईस्वी में दक्षिण अफ्रीका गए तो वहां देखते हैं कि गोरा और काला रंग में भेद था जब महात्मा गांधी 9 जनवरी 1915 ईस्वी को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे तो उन्हीं को सर्वप्रथम महान प्रवासी माना गया था  और इसी समय से भारतीय प्रवासी मनाया जा रहा है!

प्रवासी दिवस का स्थापना किस प्रधानमंत्री ने की?

माननीय श्री अटल बिहारी भाजपेयी, प्रधानमंत्री जी के दवरा सर्वप्रथम भारत में 9 जनवरी 2003 को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया था उसी साल से हर साल प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाने लगा। 

प्रवासी दिवस को मानाने का मुख्य उदेश क्या है?

युवा पीढ़ी को आप्रवासियों से जोड़ना है विदेश में रह रहे भारतीयों श्रमजीवीओं के जीवन में आने वाली कठिनाइयों को सुनना तथा उन्हें दूर करने का प्रयत्न करना प्रवासी भारतीय दिवस शुरू करने का सर्वप्रथम बॉस लक्ष्मी मॉल श्रीदेवी कमेटी को जाता है प्रवासी भारतीय का सम्मान भारत के प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय द्वारा स्थापित एक पुरस्कार जो हर साल प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है प्रवासी भारतीय विदेश में रहकर भारत को एक बड़ा नाम दिया है। 

इसे मानने का आशय यह है कि अप्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच भावना की अभिव्यक्ति देशवासियों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है इसका मुख्य उद्देश्य है विश्व के सभी देशों में अप्रवासी भारतीयों का रिंग नेटवर्क बानाना।  

NRI ( Non Resident Indian ) से भारत देश में कितना पैसा आता है? 

विश्व बैंक के रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रवासी भारतीय ने साल 2021 में 87 अरब डॉलर यानी 6,52,500 करोड़ रूपया भारत में भेजा गया है इस में से 20 प्रतिशत से अधिक रूपया सिर्फ अमरीका से भेजा गया है! प्रथम सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी दुनिया के सउदिया अरब देश में रहते हैं और दूसर सबसे ज्यादा अमरीका देश में भारतीय प्रवासी रहते हैं! और ये लोग उस देश में रहकर मेहनत और मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं और अपने देश के संस्कृति और सभ्यता को बरक़रार रखते है।

NRI पूरी दुनिया में कितने है?

वर्ष 2021 में सरकार के रिपोर्ट के अनुसार ये कुछ देश का भारतीये प्रबासी निवास करते है, जिनका सूची इस प्रकार है।

1 Saudi Arabia (Kingdom of) 2592166
2 USA 1280000
3 Kuwait 1028274
4 Nepal 600000
5 UK 351000
6 Malaysia 227950
7 South Africa 60000
8 Nigeria 40000
9 Netherlands 40000
10 Japan 37933
11 Switzerland 17403
12 Ireland 15000
13 Sri Lanka 14000
14 Portugal 11393
15 Poland 10162
16 Myanmar 9207
17 Norway 8732
18 Zambia 6000
19 Mexico 6000
20 Vietnam 5000
21 Iran 4000
22 Swaziland 1000
23 Iceland 257
24 Namibia 200
25 Mongolia 150
Total – 6365827

Faq:

Question – प्रवासी दिवस क्यों मनाया जाता है?

Answer – प्रवासी दिवस को उन NRI के लिए मनाया जाता है, जो भारत से बाहर रहकर भारत से जुड़े रहते हैं। 

Question – प्रवासी दिवस को किस तरह से मनाया जाता है?

Answer – प्रवासी दिवस को सभी NRI एक जगह मिल कर मनाते हैं। 

Question – प्रवासी दिवस को किस तारीख को मनाया जाता है?

Answer – प्रवासी दिवस को 9 जनवरी को मनाया जाता है। 

Question – प्रवासी दिवस को कहाँ – कहाँ मनाया जाता है?

Answer – प्रवासी दिवस को सभी देशो जैसे अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रलिआ इत्यादि देश में मनाया जाता है। 

Question – प्रवासी दिवस को कैसे मनाये?

Answer – सभी NRI एक साथ मिल कर और इस दिन सभी एक दूसरे को शुभकामनाये देकर मनाये। 

Conclusion:

ये थे कुल भारत के प्रवासी। हमे आप से अनुरोघ है की अगर भविष्य में आपको भविष्य में विदेश जाने का मौका मिलें तो बिलकुल जायेगा पर वापस आकर अपने देश का सेवा जरूर कीजियेगा। और अगर आपके नजर में भी कोई ऐसा है जो विदेश में रहते हैं तो आप हमें जरूर बताएं। और इतना काबिल बनिए की आप विदेश में जा कर नौकरी कर सकें पर अपने देश में लौटे जरुर।

 

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