shiv Puran–शिव पुराण
shiv Puranदोस्तों आज हम शिव पुराण क्या है 18 पुराण में से एक शवि पुराण हे भगवान शवि को समर्पित हे इस पुराण में सोचे गये विचारो कहे गहे वचनो कहे गहे कृत्य 12 ऐसे पापो को गाडित गये हे की भगवान शिव कभी माफ़ नहीं करतेshiv Puran हे इस लोगो को एक ना एक दिन महाकाल के दंड को भोग ना ही पड़ता हे ये लोग कभी भी अच्छे से नहीं जी सकते तो दोस्तों वो 12 पाप क्या हे
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विचार द्वारा किये गये पाप
नंबर 1. ऐसे लोग जो कि दूसरी स्त्री की तरफ गलत shiv Puranनजर से देकते हे या उन का सामान नहीं करते हे या कोई स्त्री भी आज के युग में काम नहीं हे वो भी पुरसो की गलत नजर रखती हे शवि पुराण में घोर पाप माना गया हे और ये पाप की शरडी में आता हे shiv puran in hindi
पराया धन का अपना बनाने की चाहत
बहुत से लोग धन कमाने की आनंदी दौड़ में शामिल हे बहोत लोग तो इस तरा से पागल हो चुके हे की उन लोगो को कुछ भी नहीं दिखता हे पैसो के शिवा वो लोगshiv Puran ये भी भूल जाते हे की क्या अच्छा हे और क्या बुरा उन लोगो के मन में हमेसा बस ये ही बात रहती हे की इस का सारा पैसा में लेलु किन्तु ऐसा सोचना भी बगवान शवि जी की नजर में आप हे और जो ऐसा कर ते हे वो जीवन में कभी कुश नहीं रहे सकते हे
कुटिल योजना बनाना
आप लोगों ने देखा होगा की कुछ लोग योजना बनाने में माहिर होते हे ऐसे लोग भोले भाले लोगो को और मासूम लोगो को परेशान या उन को नुकसान पोचाने का shiv Puranतरी का सोचते ही रहते हे परshiv puran raksha kavach
बगवान शवि जी ऐसे लोगो को कभी समां नहीं करते हे
गलत या बुरे का विल्कप चुनाव करना
जमीन पर जीव जन्तु की तुलना में जो सकती इंसान में हे वो किसी में हो ही नहीं सकती दिमाग जो दिमाग इंसान के पास हे हो किसी भी जीव या जन्तु नहीं हेshiv Puran इस लिये वो कोई भी परस्ती में अपना अच्छा या बुरा सोच सकता हे लेकिन अगर इंसान बुरा रास्ता चुनता हे तो वो भी पाप का भागीदार होता हे शवि पुराण में ये एक पाप हे
shiv Puran– शिव पुराण के अनुसार आप किसी का बुरा नहीं करने के बावजूद उस के लिये बुरी सोच रखने के लिये आप पाप के अहक दार हो जा ते हेshiv Puran भले ही आप ने कभी किसी का बुरा नहीं क्या हो लेकिन आप के शब्द आप को पाप का अक़दार बना देती हे
देखा जाये तो इन हालातो में इस दुनिया में बहोत से लोग हे जो की आराम से जुट बोल दे ते हे पर वो लोग ये नहीं जानते की वो जुट बोल दे ते हे पर वो लोग ये नहीं जानते की वो जुट से जीवन में कितनी मुश्किल हो सकती हे और इन के सात सात और लोगो को भी मुश्किल में डाल देगी छूट बोलना पाप की शिर्डी में आता है शिव पुराण में छूट बोलना पाप बतया गया हे
कोसना या बुरे वचन कहना
बहुत से लोगों को कोसना और बुरा बोलना ये लोग किसी से सीदे मुँह बात तक नहीं करते और बिना कोई बात के ही उन को बुरा बुरा बोलने लगते हे पर ये लोग कभी भी ये नहीं सोचते की सामने वाले को कितना बुरा लगेगा पर उन को कोई फरक नहीं पड़ता पर शवि पुराण के अनुसार कोई इन्सान बुरा शब्द बोलता हे तो वो पाप की सरेड़ी में आता हे shiv Puranऔर वो इन्सान शवि का भागीदार होता हे
भ्रम या अफवा फैलाना
दोस्तों कुछ लोग अफवाह फैलाने में बहुत ही कुशल होते हे कई बार किसी को हानि पोचाने के लिये उस की पिट पीछे बुराई करते हे और उस व्यक्ती को नुकशान पोचाने के बारे पर ऐसे लोग ये बिलकुल भी नहीं सोचते हे की कोई देखहे ना देखहे पर इन लोगो को बगवान शवि अवश्य देख रहे हे और उन लोगो को एक न एक दिन दंड भी देंगे
तो दोस्तों ये थे वो पाप जो की इंसान जाने अनजाने में करता हे अपनी वाड़ी से और अब आप को वो 5 पाप बताये गे जो की शिव पुराण के अनुसार पाप की श्रेड़ी में आते हे और इन करने वाला इंसान पाप की श्रेणी में आजाता हे
भोजन
हिन्दू धर्म में भोजन के रूप में की जाने वाली कई चीजों को वर्जित बतया गया हे फिर भी इंसान इन चीजों का सावन करता हे तो वो पाप का भागी बन जाता हे इन चीजों में मासा सब से परमुक हे इस के अलवा पाप करता हे मनुष्य पाप करता हे और जो उस काम से पैसे कमाता हे और उन पैसो से जो भोजन लाता हे शिव पुराण में इस को भी पाप माना गया हे और इस पैसो से भोजन करता हे वो पाप का भोगी हो जाता हे
कमजोर मनुष्य पर अत्याचार करना
महिलाएं बच्चे या फिर किसी कमजोर इंसान उन के खिलाफ कये गये हिंसा या उन को कास्ट पोछने के मतलब से कर ते हे वो बगवान शिव जी की गौर पाप की श्रेडी में आते हे
चोरी डकैती या बल से अधिकार करना
बह्रामंड या पंडित या फिर मंदिर की चीजे चुराना दुसरो की चीजे को अतियना या गलत तरीके से अपने अंडर में ले लेना और ऐसे कोई भी काम जो की पाप की श्रेड़ी में आता हे ऐसे इंसान को बगवान शिव कभी माफ़ नहीं कर ते हे
किसी को लज्जित करना या अपमानित करना
कोई भी इंसान हो वो बुलकर भी हम को किसी अन्य वक्ती का अपमान नहीं करना चाहिये क्यों की जो अपमान से चोट लगती हे वो शरीर पर लगी चोट से ज्यादा दुःख दाई होता हे और कई घातक होती हे इस लिये पुराण में बतया गया हे की हम को गुरु का माता पिता का अपमान नहीं करना चाहिये किन्तु कोई इसा करता हे तो महा पाप का भागी दर होता हे
आवेद समन्द दान या चंदा देना सटेबाजी तथा नशाखोरी
एक बार जो चीज दान की गई हो तो दोबारा से नहीं लेनी चाहिए किसी भी पत्नी के सात समंद बनाना या किसी भी प्रकार का नशा भी एक प्रकार का पाप हे और बागवान शिव कभी माफ़ नहीं कर ते हे
तो दोस्तों आप को ये तो पता चल ही गया होगा की शिव पुराण में किस चीज को महा पाप माना गया हे