100+ Short Moral Stories in Hindi | हिंदी नैतिक कहानियां
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Short Moral Stories in Hindi:कुछ नैतिक कहानियां तो ऐसी होती है जो की हम लोगो के दिल को छू लेती है दोस्तो देखा जाए तो हम लोग इन कहानियों से बहुत कुछ सीख सकते है छोटे बच्चे जादा तर बेचो को दादा दादी
की कहानी सुनाना काफी पसंद है कहानी ही एक ऐसी चीज हैं जो बच्चे बड़ा मन लाकर सुनते है दोस्तो अप भी अपने बच्चो को कहानियां सुनाना चाहते हैं तो आप हमारे इस hindikahaniya ब्लॉग पर जा कर अपने बच्चो को कहानी सुना सकते हो
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दोस्तो आप ने एक चीज नोट की होगी की बच्चो को जानवर की कहानी सुनाना बहुत ही जा दा पसंद होती है उस का एक कारण ये भी हैं की बच्चो को जानवर को देखना और उन के बारे में
सुनाना बहुत ही ज्यादा पसंद है तो दोस्तो आज हम आप को पायसे कौवे की कहानी चिड़िया की कहानी और भी जानवरो की कहानी सुनाने जा रहे है दोस्तो में उम्मीद करुंगा आप को ये कहानी अच्छी लगेगी (short moral stories in hindi)
Short moral stories in hindi | हिंदी नैतिक कहानियां
दोस्तो हम आप को ऐसी ऐसी कहानी की लिस्ट देने जा रहे हैं आप उस को पड़ कर खुश हो जाओगे जो की मनोरंजन के साथ साथ हमे कुछ सिखाती भी हैं दोस्तो हा मारे ब्लॉग पर सभी उम्र के लोग इन कहानियों को पड़ सकते है दोस्तो इस नही हैं की कोई भी
कहानी केवल बच्चो के लिए ही होती है उन कहानी को सभी आयु के इंसान पद सकते है
खजाने की खोज की कहानी (short moral stories in Hindi)

एक समय की बात हैं की एक गांव में एक राम नाम का आदमी रहता था और उस के चार पुत्र थे और वो अपने पुत्र से काफी परेशान था क्यों की वो चारो कोई काम नही i करते थे और राम अपना घर चलाने के लिए खेत में खेती बाड़ी करता था और राम
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के चारो पुत्र आलस के कारण कोई भी काम नही करते थे ये सब देख कर राम को दिन पर दिन उनकी चिंता रहती थी राम उन को खेतो में काम करने के लिए बोलता था पर उन में से कोई भी खेत में काम करने नही जाता था काम करने की जगह पर वो आवारा
की तरह पूरे गांव में गूमते रहते थे राम ये सब देख कर हमेशा परेशान रहता था
राम बोला अपनी पत्नी से की ऐसा कब तक चलेगा कोन इन से सादी करगी और और कैसे ये अपने बच्चो को पलगे राम अपनी पत्नी से बोला की भगेवन हमारे बच्चो ने आज तक अपने खेतो हाल चलना तो दूर उनने अपने खेतो पर तक नही रखा
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राम की पत्नी बोली कोई बात नही समय आने पर सब सही हो जाएगा काफी टाइम बीत गया पर वो चारो में कोई बदलाव नहीं आया वो दिन पर दिन और अल्शी होते जा रहे थे
राम की तबियत भी खबर होने लगी और राम ने अपनी पत्नी से कहा की भगेवान मेरे चारो पुत्रो को मेरे पास बुलाओ राम बोला की अब मेरा जाने का टाइम आ गया है और राम की पत्नी अपने चारो पुत्रो को बुला कर लाती है राम को बस एक ही चिंता थी की मेरे
बाद इन का क्या होगा
और सब को बुला कर बोलता है की मेने जीवन भर की पूंजी (कमाई) उस खेत में छुपाई हुई है और अपने बेटो से बोला की जब में इस दुनिया से चला जाऊ तो तुम लोग वो सारा खजाना यानी की मेरी जिंदगी भर की कमाई
तुम लोग आपस में बराबर बाट लेना ये सब सुन कर राम के बेटे काफी खुश हुवे और नाचने लगे और एक दिन राम की काफी jada तबियत खराब होने से राम की मृत्यु हो गई और उस के लालची और अलशी बेटे खेत में खजने की तलाश में पूरे खेत को खोद दिया
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और उन को कोई भी खजना नही मिला जब उन को कोई भी खजाना नहीं मिला तो वो चारो मायूस हो गए और घर जा कर अपनी
मां पर गुस्सा कर रहे थे और बोले पिताजी ने हमारे सात धोखा क्या है खेत में कोई भी खजाना नही है और राम की पत्नी बोली बेटा तुमरे पिताजी ने पूरे जीवन में बस खेत ही काम्या है
तुम लोगो ने इस खेत को खोद दिया है तो इस पर ये बीच हैं इन को इस खेतो में डाल दो
और उनोने अपनी मां की बात सुनी और पूरे खेत में बीच डाल दिए और समय बिता गया और देखते ही देखते फसल कटने के लिए तैयार हो गई उस फसल को उन चारो भाईयो ने मंडी में बेच कर काफी अच्छे पैसे कमाए अब वो काफी मेहनत करते है और अपनी मां को भी खुश रखते है
Moral of tha story
दोस्तों हमको इस कहानी से ये सीख मिलती है हम को कभी काम चोर और अल्शी नही होना चाहिए अगर हम मेहनत karge to ऊपर वाला हरी जरूर सुने गा
लकड़हारा और कुल्हाड़ी की कहानी (short moral stories in hindi)
एक गांव में एक लकड़हारा और वो अपना घर जंगल से लकड़ी काट कर उन लकड़ी को शहर में जाकर बेचता था और जो भी पैसे मिलते थे उन से वो अपना घर चला था एक दिन लकड़हारा जंगल जा रहा था लकड़ी काटने उस ने दिखा की एक पेड़ रो रहा हैं ये देख कर उस की कुलाड़ी पास में एक नदी के पानी में

जाकर गीर गाई और वो अपना सर पकड़ कर बैठ गया मेरे पास इतने पैसे भी नही हैं की में कोई दूसरी कुलाडी ला सकूं और वो वहा पर रोने लगा तभी उस नदी में से भगवान प्रकट होते है और उस लकड़हारा से पूछते है कि क्या हुवा उस ने वो सारी बाते बताई
भगवान को उस पर तरस आ गया और भगवान उस नदी में जाते है और सोने की कुलाड़ी लाते हैं वो उस को देख कर बोलता है की ये मेरी नही हैं कुलाड़ी नही हैं और उस के बाद भगवान उस नदी में जाकर चांदी की कुलाड़ी लाते हैं वो वाप्श माना कर देता हैं उस के
बाद भगवान उस की खुद की लोहे की कुलाड़ी लाकर देते हैं और वो अपनी कुलाड़ी को देख कर खुसर होता हैं और बोलता हैं की ये मेरी ही है
Moral of the story
इस कहनी से हम को सीख मिलती हैं कि हम को हमेशा ईमानदार ही होनी चाहिए क्यों की एक ईमानदार ही एक ऐसी चीज हैं जो हम को एक इजत देती है
मेहनत के फल की कहनी (short moral stories in hindi)
एक गांव में दो दोस्त रहते थे वो बहुत ही घेरे मित्र थे और उन दोनो का नाम था एक राजू और सोनू था राजू जो था वो बहुत ही मेहनती था और सोनू था वो पूजा पाठ और भगवान पर भरोसा करता था उन दोनो का एक सपना था की वो उन का एक बड़ा सा घर हो और दोनो ने कहा की हम इस बार बहुत मेहनत
करगे और अपना सपना पूरा कारगे और दोनो ने काम शुरू कर दिया राजू जो की मेहनती था उस ने अपने खेत में खूब मेहनत करता था और सोनू भगवान की भक्ती में रहता था सोनू बोलता था की भगवान फसल अच्छी हो और अच्छे दामों बिके और वेशा ही
हुवा और उन दोनो मे पेसो को लेकर लडाई होने लगी राजू बोलने लगा की मेने दिन रात बहुत मेहनत की हैं मेको पेसो का

ज्यादा हिस्सा मेलो मिलना चाहिए सोनू बोला नही मेलो मिलना चाहिए क्योंकि भगवान से मेने प्रतना करता रहता था आगर भगवान नही हमारी सुनते तो इतनी फसल नही हुई होती बाजो त कुछ ज्यादा बड़ गई और गांव के मुखिया तक पॉच गई दोनो ने
अपनी बात बताई और मुखिया ने सुन कर बोला की में अपना फैसला सुबह सुनाऊं गा और उन दोनो को गेहूं की बोरी देदी और बोले की इस को सुबह तक इस में जो कंकर है उस को साफ करना है
राजू मेहनती था वो पूरी जाग कर उस ने अपने गहु की बोरी सारे कंकर साफ कर दिए और सोनू उस बोरी को मंदिर ले कर चला गया और भगवान से परतना कर के बोला हे भगवान आप मेरी इस गेहू बोरी में से कंकर साफ कर देना और वो घर जा कर सो गया और राजू ने अपने गेहू की बोरी के सारे ककर साफ कर दिए
सुबह जब मुखिया के पास गया राजू की गेहू की बोरी में एक भी ककर नहीं मिले और सोनू की गेहू की बोरी मुखिया जी ने देखि तो उस की बोरी यु की यु ही थी
और जो पैसे थे वो राजू को ज्यादा दिए गए सोनू भगवान के भरोसे रहे गया
Moral of The Story
दोस्तों हमको इस कहानी से हम को ये सबक मिलता है की हमको भगवान के भरोसे नहीं रहना चाइये क्यों की भगवान भी उन की मददत करते है जो मेहनत करते है
गरीब और अमीर की बारिश की कहानी( short moral stories in hindi)
एक गांव था उस गांव में एक किसान रहता था उस का नाम था घनशाम और उस का जो घर था उस घर के कुछ दूर पर ही उस किसान का खेत था और उस के खेत में उस का पूरा परिवार उस के साथ काम। करता उस किसान की मदद करता था
बच्चो से लेकर सब एक दूसरे की मदद करते थे घनशाम के बच्चे बहुत ही ज्यादा समझदार थे वो वोसब काम करते थे जो उन के बस का था घनशाम ने कहा अपनी पत्नी को की इस बार हम फसल अच्छी हुई और उस का दाम अच्छे मिलेंगे तो हम घर को पक्का कर वालेगे
और वो अपनी पत्नी को बोल कर बाजार चला जाता है और ये बोलकर जाता हैं की तुम खेत में कीटनाशक छिड़क देना ये बोलकर वो घनश्याम बाजार चला जाता है उस की पत्नी और उस के बच्चे अपना अपना काम खत्म कर देते है और घनशम घर जा रहा था तब बहुत ही ज्यादा खुश था

अपनी पत्नी से बोलता है की इस बार हम लोग की सब्जी बहुत ही अच्छी और पोस्टिक हम कल सब सब्जी को तोड़कर बाजार में बेचनी होगी उस की पत्नी बोलती है ठीक है कल हम सारी सब्जी को थोड़ कर तैयार रखेगे उस की पत्नी बोलती है की आप कल सब का सौदा कर देना घनशाम बोलता है ठीक है और अपने परिवार के साथ ख़ुशी ख़ुशी सो गया
और रात को एक दम से तेज बारिश होने लगती है ये सब देख कर घनशम काफी। दुखी होता है और अपनी पत्नी और बच्चो को उठता है ये सब देख कर उस की पत्नी और बच्चे काफी दुखी होते है और बच्चे और उस की पत्नी भगवान से प्रार्थना करते है की इस बारिश को रोक दो नही तो हमारे खेतो की सब्जी खराब हो जाएगी
देखते ही देखते पूरे खेत में पानी भर गया घनशम और उस का परिवार भगवान से प्रार्थना करने लगा की ये बारिश रुक जाए ये सब देख कर पूरा परिवार परेशान होगया और थोड़ी देर में घनशाम के घर की छत भी टूट गई और उस की पत्नी ने कहा की में सब को
लेकर एक सेफ जगह पर लेकर जा रही हु और घनशम की पत्नी सब को लेकर एक सुरक्षित जगह लेकर चली गई
पूरे गांव में पानी ही पानी भर गया और पूरे गांव वाले गांव को छोड़ ने पर पजबुर हो गए और जब और कुछ टाइम बाद बारिश रुक गई जब तक शुभा हो चुकी थी पूरा गांव तैश नेश हो चुका था जब शुभा हुई तो गांव में सरकारी लोग gave वालो की मदद के लिए
गांव में आए और उन गांव वालो की मदद भी की ओर उन को खाने का भी इंतजाम क्या और घनशम ने सूबे अपना घर
देखा तो वो पूरी तरहा से टूट गया था पर अगर उस ने हिमत नही दिखाई तो उस का परिवार भी टूट जाएगा और घनशम ने हिमत दिखाई और अपने आप पर कन्ट्रोल क्या जब उस की पत्नी ने ये देखा तो वो रो पड़ी तो उस के पति ने उस की हिमत बड़ाई
ओर बोला की कोई बात नही हम वापस से इस घर को बना लगे और कुछ ही समय बाद बारिश वापस से शुरू हो गई और ये बारिश भी देर तक चली तब घनशम अपनी पत्नीऔर बच्चो को भूख लगती है और अपनी पत्नी को बोलता हैं कि इस बार कोई मदद करने नही आयेंगे किया कि पानी काफी हैं
ओर वो खाना लेने दूसरे गांव में जाता है और जब लेकर आता है तो उस को काफी चोट भी लग जाती हैं ओर us ki पत्नी ये देख कर पूछ ती है की ये क्या हो गया तो वो बोलता है की कोई नही बस थोड़ी सी चोट लगी और घनश्म की पत्नी रोने लगती हैं ओर बोलती
है की जो किसान सब को अन्न देता हैं आज उस को ही नही मिल रहा है और घनशम अपनी पत्नी को हिमत देता हैं
और फिर वो एक बार फिर से अपना घर को बनाने लगते है तभी वहाँ सरकारी कर्मचारी आते और बोलते है की हम लोग सरकार की तरफ से आए है वो बोलते है की आप को इस बारिश में कितना नुकशान हुवा है उस की आप को भरपाई देगी सरकार आप को पक्का
माकन बनाकर देगी ये सुन कर वो दोनों बहुत ज्यादा खुश हुव और वेशा ही हुआ और उस के बाद घनशाम की पत्नी ने खा हे भगवान मेको फाफ कर देना में आप को गलत समक्ष बैठी
Moral of The Story
दोस्तों इस कहानी से हम को ये गियान मिलता है की जभी बारिश होती है तो आमिर लोग उस का पूरा आन्नद लेते है और एक गरीब किसान अपनी फसल को और अपने खेत को बचने के लिए भगवान से प्राथना करता है
Note –दोस्तों आप Short Moral Stories in Hindi पढ़ कर अच्छा लगा होगा दोस्तों ये सब कहानी हम ने बचपन में भी सुनी होगी काफी तो अपने बचपन की याद में चले भी गए होंगे आप के लिए टॉप Top 5 Moral Stories in Hindi दोस्तों इस में हम ने आप के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कहानियों लिखी है हमारे इस hindikahaniy.com ब्लॉग से जुड़े रहना