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बनारस, काशी और वाराणसी की सात बातें जो बहुत कम लोगो जानते है वो क्या है
दोस्तों आज हम एक पवित्र जगह की बात करेंगे जिस को हम सब kashi के नाम से जानते है कशी को हम शिव जी की नगरी भी कहा जाता है ये एक पवित्र जगह है काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी इन 7 आप लोगो में से शायद ही कोई जानता होगा आज हम उन्ही 7 चीजों पर बात करते है
काशी विश्वनाथ मंदिर ये मंदिर पवित्र गंगा नदी के पास वाराणसी,शहर बसा हुवा है ये हिन्दू के लिए ये एक पवित्र जगह इस जगह पर लोग विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने आते है अत्यंत पूजनीय स्थान है। हिंदू पौराणिक में पवित्र dagashi kashi hentai है यह पर लाखो की संख्या में भक्त आते है ये मंदिर करोडो साल पुराना है आप को कुछ दिलचस्प बाते बताते है आप को भी मंदिर के बारे में जानकर अच्छा लगेगा कुछ अशी बाते जो आप ने कभी नहीं सुनी होगी
वाराणसी में बने मंदिर कई बार बने और कई बार टूटे
दोस्तों क्या आप ये मालूम है की काशी में बने मंदिर को मुगलो ने विश्वनाथ मंदिर को काफी बार लुटा गया था ये मंदिर अकबर राज में बनया गया था अकबर ने विश्वनाथ मंदिर बनाने के लिए हा बोल्दिया था पर उस के परपोते ने जिस का नाम था औरंगजेब के राज में इस मंदिर को पूरा नष्ट करने को बोला था ये मंदिर औरंगजेब के राज में तोडा गया था और उस जगह पर एक मस्जिद बनाई गई थी
और जब इस मंदिर का दूसरी बार निर्माण हुवा तो इस मंदिर का पूरा देख रेख रानी महान रानी अहिल्या बाई होल्कर की देख रेख में हुवा था वो इंदौर की महारानी थी कहा जाता है की महारानी अहिल्या बाई के सपने आय थे उस के बाद रानी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था
दोस्तों कहा जाता है की भगवान शिव महारानी के सपनों में आए थे और ये भी कहा जाता है की इस मंदिर को पुनर्निर्माण के कहा था उस के बाद महारानी अहल्या बाई ने इस मंदिर को पुनर्निर्माण का काम शुरू क्या और महाराजारणजीत सिंह ने भी उस मंदिर के चारो और सोने के चार खबे भी बनवाये थे
Shivling was saved from an attack
जब अकबर के परपोते औरंगजेब ने जब मंदिर पर हमला क्या था उस समय मंदिर के एक पडित ने शिवलिंग को लेकर एक कुवे में कूद गए थे उस मंदिर के कुवे को गियान का कुवा कहा जाता है उस कुवे को आज भी मंदिर में देखा जासकता है

दोस्तों कहा जाता है की जब भगवान ने इस पृथ्वी का निर्माण क्या था तब सूर्य देव की पहेली किरण( kashi ) वाराणसी पर पड़ी थी भगवान शिव या के लोगों के संरक्षक के रूप में जाना जाता है दोस्तों कहा तो ये भी जाता है की भगवान शिव स्वयं कुछ समय इस मंदिर में रहे थे इस क्या काशी को भगवान शिव जी की दुनिया बोला जाता है
काशी में शिव जी मंदिर के भार शनि देव मंदिर क्यों होता है
भगवान शिव की तलाश में काशी आए थे पर शनि देव उन को मंदिर में अनेकी अनुमति नहीं थी शनि देव को भगवान शिव से मिलने के लिए उनोने पुरे सात साल इंतजार क्या था दोस्तों आप ने देखा होगा की कशी में शिव जी के मंदिर के भार शनि देव का मंदिर जरूर होता है
छत्र मंदिर में जो सच्चे मन से मांगते वो पूरा होता
कहा जाता है की छत्र दर्शन सच्चे मन से कुछ भी मागोगे तो वो जरूर पूरी होती है जिसकी आकर्षक वास्तुकला देखने लायक होती है।
भगवान शिव करेंगे रक्षा पृथ्वी की

जब इस संसार का अंत होगा तो बाबा विश्वनाथ यानी भगवान शिव इस पृथ्वी की रक्षा करेंगे त्रिशूल की नोक पर काशी की रक्षा करेंगे इस लिए तो सब बोलते है काम में काम महाकाल काशी की रक्षा करने के इस कृत्य का उल्लेख हिंदू पौराणिक कथाओं में